पूर्व लोकसभा सांसद और अलग विदर्भ आंदोलन के कट्टर समर्थक जांबुवंतराव धोटे का हाल ही में यवतमाल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। एक कर्मठ विदर्भवादी के रूप में वे जाने जाते थे। परिवार के मुताबित धोटे की उम्र 83 वर्ष थी और उनके परिवार में पत्नी अैर दो बेटियां हैं।
धोटे की बेटी क्रांति ने पीटीआई को बताया, कि उनके पिता को दिल की बीमारी थी। सुबह करीब तीन बजे उन्हें कुछ बेचैनी महसूस हुई और वो अकेले ही यवतमाल के सरकारी अस्पताल गए। अस्पताल में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
धोटे की पहचान तेज तर्रार नेता की थी और उन्हें पूर्वी महाराष्ट्र में अलग राज्य की मांग के लिए आक्रामक रूख की वजह से विदर्भ का शेर कहा जाता था। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर गृह जिले यवतमाल से शुरू किया जहां उन्होंने नगर परिषद चुनाव जीता। इसके बाद धोटे ने राज्य-स्तरीय सियासत में पदार्पण किया।
धोटे पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए जबकि 1971 में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक उम्मीदवार के तौर पर पहला लोकसभा चुनाव जीता। 1980 में धोटे कांग्रेस के टिकट से लोकसभा के लिए चुने गए। धोटे का अंतिम संस्कार यवतमाल के पिंपरी लखीना गांव में किया जाएगा।
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